इन्टरनेट तकनीकी ( 9th Chapter 3 Internet Technology )

नमस्कार दोस्तों / बच्चों इस ब्लॉग में आपको कक्षा 9 के कंप्यूटर विषय के पाठ 4 के बारे में प्रश्न उत्तर दिया जा रहा है | उम्मीद करते है यह पाठ आपकी सहायता करेगा |

पाठ के बारे में जानकारी –

आज के समय में इन्टरनेट हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। यह कम्प्यूटरों का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है जो दुनिया भर के लाखों-करोड़ों कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ता है। इन्टरनेट को अक्सर “नेटवर्कों का नेटवर्क” कहा जाता है क्योंकि यह विभिन्न नेटवर्कों को आपस में जोड़ता है, जिससे सूचना का आदान-प्रदान संभव होता है।

इन्टरनेट की खास बात यह है कि यह बिना किसी एक मालिक के स्वतः संचालित होता है और इसके संचालन के लिए कुछ विशेष नियम होते हैं जिन्हें प्रोटोकॉल कहा जाता है। इसकी शुरुआत 1969 में अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा की गई थी और फिर 1989 में टिम बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब का विकास कर इसे और सरल बना दिया।

इस अध्याय में आप जानेंगे कि इन्टरनेट कैसे काम करता है, इसमें प्रयुक्त तकनीकें क्या हैं, ब्राउज़र, वेबसाइट, डोमेन, ई-मेल, प्रोटोकॉल, और अन्य जरूरी टूल्स कौन-कौन से हैं। साथ ही, इन्टरनेट की लोकप्रियता, उपयोगिता और इसके पीछे छिपी तकनीकी जानकारी को सरल हिंदी में समझाया गया है।

1. इन्टरनेट कम्प्यूटरों का एक विशाल नेटवर्क है जो विश्व भर में फैले हुए छोटे-बड़े कम्प्यूटरों को आपस में जोड़ता है।

2. इन्टरनेट को नेटवर्कों का नेटवर्क भी कहा जाता है क्योंकि विश्व के लगभग सभी नेटवर्क इन्टरनेट के माध्यम से परस्पर जुड़े होते हैं।

3. इन्टरनेट विश्व का सबसे बड़ा तथा लोकप्रिय नेटवर्क है।

4. इन्टरनेट दुनिया भर की सूचनाओं व डाटा के आदान-प्रदान की क्षमता रखता है। इसकी लोकप्रियता का रहस्य इसकी सरलता है। इसका कोई स्वामी नहीं है, जो इसे चलाता हो। इसमें सभी जानकारियाँ इन्टरनेट सर्वर के माध्यम से आती हैं।

5. इन्टरनेट चलने के लिए कुछ नियम तय किये गए हैं, जिन्हें प्रोटोकॉल कहा जाता है।

6. इन्टरनेट में इस्तेमाल होने वाले दो मानक इन्टरनेट प्रोटोकॉल हैं। (1) टांंसमिशन कंटोंल प्रोटोकॉल (Transmission Control Protocol – TCP) तथा (2) इन्टरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol – IP)

7. 1969 में अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपने साथ कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय तथा स्टैनफोर्ड अनुसंधान संस्थान को नेटवर्क द्वारा जोड़कर इन्टरनेट की शुरुआत की। इस नेटवर्क को ‘ARPANET’ नाम दिया गया।

8. 1989 में ब्रिटिश वैज्ञानिक टिमबर्नर्स-ली (Tim Berners- Lee) ने इंटरनेट पर संचार को सरल बनाने के लिए वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web – WWW) का आविष्कार किया।

9. इन्टरनेट से जुड़ने के लिए हमें इन्टरनेट सेवा प्रदाता (Internet Service Provider – ISP) की सहायता लेनी होती है। एक ISP या इंटरनेट सेवा प्रदाता वह कंपनी है, जो आपको इंटरनेट और अन्य वेब सेवाओं तक पहुंचने देती है।

10. उपयोग कर्ता को इन्टरनेट सेवाएँ लेने के लिए सामान्यतः दो प्रकार के कनेक्शन मिलते हैं। (1) डायलअप (Dial Up) तथा (2) डायरेक्ट (Direct)|

11. वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) एक प्रकार का डाटाबेस है जो पूरे विश्व में फैला हुआ है।

12. वर्ल्ड वाइड वेब प्रोटोकोल के साधारण समूह पर आधारित एक ऐसी इंटरनेट सेवा है, जो किसी विशेष रूप से समानुरूप (Configured) सर्वर कम्प्यूटर को इन्टरनेट के द्वारा दस्तावेजों (Documents) को एक मानक तरीके से भेजता है।

13. ब्राउजर कम्प्यूटर पर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जो उपयोग कर्ता को इंटरनेट तक पहुंचने देता है।

14. ब्राउजर को वेब क्लाइंट या इंटरनेट नेविगेशन टूल के नाम से भी जाना जाता है।

15. वह कम्प्यूटर जो वेब पेजों को निर्देशिका (Directory) एवम् फाइलों के रूप में रखता है एवम् फाईल को पढ़ने के लिये देता है सर्वर (Server) कहलाता है।

16. वेब प्रोटोकॉल एक नियम या कुछ निश्चित नियमों का समूह होता है जो विभिन्न भागों के बीच संचार (Communication) का वातावरण प्रदान करता है।

17. HTTP (हाइपर टेक्स्ट टांंसफर प्रोटोकॉल1) उन नियमों का समूह है जो दो या दो से अधिक कम्प्यूटरों के बीच हाईपर टेक्स्ट को स्थानान्तरित (Transfer) करते हैं।

18. जो लेंग्वेज वेब पेजों को विकसित करने (बनाने) में काम आती है हाईपर टेक्स्ट मार्कअप लेंग्वेज (HTML) कहलाती है।

19. वेबसाइट को वर्ल्ड वाइड वेब से संबधित संग्रह कहा जा सकता है।

20. वेब पेज किसी वेबसाइट का सबसेट (Subnet) होता है।

21. डोमेन पद्धति का विकास किसी कंप्यूटर को इन्टरनेट पर नाम देने के लिए किया गया है, जिससे कि उसे आसानी से याद रखा जा सके तथा ढूँढने में भी आसानी हो।

22. DNS (डोमेन नेम सिस्टम) वेब के लिए फोन बुक की तरह है।

23. ऐसे कम्प्यूटर प्रोग्राम खोज इंजन (Search Engine) कहलाते हैं जो किसी कम्प्यूटर सिस्टम पर भण्डारित सूचना में से वांछित सूचना को ढूंढ निकालते हैं।

24. ई-मेल इन्टरनेट पर व्यक्तियों तथा कम्प्यूटरों के बीच संदेशो, सूचनाओं और दस्तावेजों के आदान-प्रदान करने का कार्य करती है।

कक्षा 9 इन्टरनेट तकनीकी अभ्यास प्रश्न

बहुचयनात्मक प्रश्न –

प्रश्न 1. नेटवर्क का नेटवर्क कहलाता है |
(अ) LAN
(ब) MAN
(स) WAN
(द) INTERNET

Answer: (द) INTERNET

Explanation: इन्टरनेट एक ऐसा नेटवर्क है जो दुनिया भर के लाखों कम्प्यूटर नेटवर्क को आपस में जोड़ता है। इसलिए इसे “नेटवर्कों का नेटवर्क” कहा जाता है। LAN, MAN और WAN छोटे या क्षेत्रीय नेटवर्क होते हैं, जबकि INTERNET एक वैश्विक नेटवर्क है।

प्रश्न 2. इन्टरनेट के लिए मानक तय करने वाला समूह कहलाता है |
(अ) W3C
(ब) TCP
(स) IP
(द) HTTP

Answer: (अ) W3C

Explanation: W3C (World Wide Web Consortium) वह संगठन है जो इन्टरनेट और वेब के लिए मानक (standards) तैयार करता है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी वेबसाइट और वेब तकनीकें एक जैसी और सही ढंग से काम करें। TCP, IP और HTTP तो खुद तकनीकी प्रोटोकॉल हैं, लेकिन W3C इन्हें विकसित करने और सुधारने का काम करता है।

प्रश्न 3. सर्वप्रथम स्थपित किये गये इन्टरनेट नेटवर्क का नाम था |
(अ) NSFNET
(ब) ARPANET
(स) NICNET
(द) उपरोक्त में से कोई नही

Answer: (अ) W3C

Explanation: ARPANET पहला नेटवर्क था जिसे 1969 में अमेरिकी रक्षा विभाग ने विकसित किया था। यही नेटवर्क आगे चलकर इन्टरनेट की नींव बना। यह नेटवर्क कुछ विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों को आपस में जोड़ने के लिए बनाया गया था।

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