नमस्ते बच्चों! अगर आप कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान की तैयारी कर रहे हैं और ‘कंप्यूटर संचार एवं नेटवर्क’ पाठ 3 से जुड़े प्रश्नों के जवाब और हल खोज रहे हैं? अगर हाँ, तो आप सही जगह पर हैं! इस ब्लॉग में हम आपको इस Chapter 3 के महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देंगे, ताकि आप इस विषय को अच्छी तरह से समझ सकें !
Introduction to the Topic (परिचय)
‘कंप्यूटर संचार एवं नेटवर्क (Computer Communication and Network)‘ अध्याय कक्षा 9 के कंप्यूटर विज्ञान के पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसमें हम सीखेंगे निम्नलिखित टॉपिक्स के बारे में –
- कंप्यूटर संचार (Computer Communication)
- डाटा संचार की आवश्यकता(Necessity of Data Communication)
- प्रेषण माध्यम(Transmission Media)
- तार वाले प्रेषण माध्यम (Wired)
- ट्विस्टेड पेअर केबल(Twisted Pair Cable)
- को-एक्सिअल(Coaxial Cable)
- प्रकाशीय तंतु केबल(Optical Fiber Cable)
- बे-तार प्रेषण माध्यम(Wireless)
- रेडिओ तरंग(Radio Wave)
- सूक्ष्म तरंग(Microwave Transmission)
- उपग्रह संचार(Satellite Communication)
- अवरक्त तरंग प्रसारण(Infrared Transmission)
- वाई फाई (वायरलेस फिडेलिटी)(Wireless Fidelity)
- ब्लूटूथ(Bluetooth)
- तार वाले प्रेषण माध्यम (Wired)
- डाटा संचरण के रूप(Forms of Data Transmission)
- एनालॉग(Analog)
- डिजिटल(Digital)
- कंप्यूटर नेटवर्क(Computer Network)
- कंप्यूटर नेटवर्क के उद्देश्य(Purpose of Computer Network)
- कंप्यूटर नेटवर्क के उपयोग(Application of Network)
- कंप्यूटर नेटवर्क की श्रेणियां(Categories of Computer Network)
- लोकल एरिया नेटवर्क(Local Area Network-LAN)
- मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क(Metropolitan Area Network-MAN )
- वाइल्ड एरिया नेटवर्क(Wide Area Network-WAN)
- नेटवर्क टोपोलॉजी(Network Topology)
- बस टोपोलॉजी(Bus Topology)
- रिंग टोपोलॉजी(Ring Topology)
- स्टार टोपोलॉजी(Star Topology)
- ट्री-टोपोलॉजी(Tree Topology)
- मेश टोपोलॉजी(Mesh Topology)
- नेटवर्क युक्तियाँ(Network Devices)
- मॉडेम(Modem)
- पुरावार्तक (रिपीटर)(Repeater)
- एम्प्लीफायर(Amplifier)
- ब्रिज(Bridge)
- राऊटर(Router)
- गेटवे(Gateway)
- होस्ट(Host)
- आर जे – 45 संयोजक(RJ-45 Connector)
- इथरनेट कार्ड(Ethernet Card)
- नोड(Node)
- हब(Hub)
- बैकबोन(Backbone)
- स्विच(Switch)
सभी सवाल और शंकाओं का समाधान इस पोस्ट में, हम इस अध्याय से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों के हल देंगे, ताकि आपकी परीक्षा की तैयारी और भी बेहतर हो सके।
Important facts related to chapter(पाठ से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु):
यहाँ कुछ जानकारी जो कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से इस अध्याय से सम्बंधित त्वरित जानकारी देने के लिए साझा की जा रही है तो अध्याय को सरलता से याद करने समझने में सहायता करेंगा –
- किसी कंप्यूटर का भरपूर उपयोग तभी संभव है जबकि वह अन्य कंप्यूटरों से जुड़ा हो।
- एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक सूचनाओं एवं डाटा के आदान-प्रदान को डाटा संचार (Data Communication) कहते हैं।
- परंपरागत साधनों से सूचनाओं के आदान-प्रदान में काफी समय लगता है तथा इसकी कीमत भी निरंतर बढ़ती जा रही है। जबकि कंप्यूटर की मदद से संचार अति तीव्र गति से होता है तथा लागत भी बहुत कम आती है।
- प्रेषक (Sender) व प्राप्तकर्ता (Receiver) के बीच डाटा संचरण के लिए किसी भौतिक माध्यम (Physical Medium) का होना आवश्यक है। इस माध्यम को प्रेषण माध्यम (Transmission Medium) अथवा संचार चैनल (Communication Channel) कहते हैं।
- प्रेषण माध्यमों को सामान्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है (1) तार वाले माध्यम व (2) बेतार माध्यम।
- तार वाले प्रेषण माध्यमों में ट्विस्टेड पेअर केबल, कोएक्शिअल केबल व ऑप्टिकल फाइबर केबल प्रमुख हैं।
- बिना तार वाले प्रेषण माध्यमों में रेडियो तरंगें, माइक्रोवेव, उपग्रह संचार, इन्फ्रा-रेड किरणें, वाई-फाई, ब्लूटूथ आदि प्रमुख हैं।
- डाटा संचरण के लिए सामान्यतः विद्युत संकेत (Electrical Signals) काम में लिए जाते हैं.
ये संकेत दो प्रकार के होते हैं 1. एनालॉग व 2. डिजिटल। - डाटा संचरण के लिए जब कई स्वतन्त्र कंप्यूटरों को किसी माध्यम से एक साथ जोड़ा जाता है तो यह व्यवस्था कंप्यूटर नेटवर्क कहलाती है।
- कंप्यूटर नेटवर्क के मुख्य उद्देश्य साधनों को मिलकर काम में लेना व संचार साधनों के रूप में उपयोग करना है।
- कंप्यूटर नेटवर्क की तीन प्रमुख श्रेणियां हैं लेन, मेन और वेन।
- किसी नेटवर्क के नोड्स को परस्पर जोड़ने के तरीके को टोपोलॉजी (Topology) कहते हैं।
टोपोलॉजी से ही यह निर्धारित होता है कि नोड्स के मध्य डाटा संचरण के लिए कौन-कौन से पथ (Path) उपलब्ध हैं।
Solutions to Important Questions (प्रमुख प्रश्नों के हल)
दोस्तों यहाँ दिए जा रहे अधिकतर प्रश्न “कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान” राजस्थान बोर्ड की अधिकारिक पाठ्यपुस्तक के अध्याय 3 कंप्यूटर संचार एवं नेटवर्क (Computer Communication and Network) से लिए गयें है जिसका सरल और आसानी से याद और समझे जा सकने वाले हल और उत्तर आपको हमारे इस ब्लॉग में मिलने वाला है तो बिना रुके देखते है हमारे हर एक सवाल को –
इस पुस्तक में बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) दिए गये थे जिन्हें आप यहाँ से पढ़ सकतें है – MCQ of This Chapter
One-Liner Questions (Short Answers अतिलघूत्तरात्मक):
हमारे इस भाग में सभी प्रश्न जिसके हल और उत्तर एक शब्द से लेकर एक-दो लाइन तक हों उन्हें रखा गया है जो कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान के इस अध्याय “कंप्यूटर संचार एवं नेटवर्क” को आसानी से समझने में सहायता करेगा –
प्रश्न 1. सबसे पुराना व अधिक काम में आने वाला संचरण माध्यम कौन-सा है ?
उतर : ट्विस्टेड पेअर केबल सबसे पुराना व अधिक काम में आने वाला संचरण माध्यम है
प्रश्न 2. WAN का पूरा नाम क्या है ?
उतर : WAN का पूरा नाम “वाइड एरिया नेटवर्क(Wide Area Network)” है |
प्रश्न 3. सबसे तीव्र संचरण माध्यम ला नाम बताइए |
उतर : ऑप्टिकल फाइबर केबल सबसे तीव्र संचरण माध्यम है |
प्रश्न 4. OFC की कोर पर चढ़ी परत को क्या कहते है
उतर : OFC(Optical Fiber Cable) की कोर पर चढ़ी परत को क्लेडिंग (Cladding) कहते है |
प्रश्न 5. रिपीटर (Repeater) का प्रमुख कार्य बताइए |
उतर : रिपीटर (Repeater) का प्रमुख कार्य कमजोर सिग्नलों को Amplify (अम्पलिफाई या परिवर्धित ) करना होता है |
प्रश्न 6. संचार उपग्रह सामान्यतः कितनी ऊंचाई पर स्थित होते है ?
उतर : संचार उपग्रह सामान्यतः पृथ्वी के तल से 36000 (छत्तीस हजार) किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित होते है
प्रश्न 7. वाई-फाई का पूरा नाम बताइए ?
उतर : वाई-फाई(WI-FI) का पूरा नाम वायरलेस फिडेलिटी(Wireless Fidelity) होता है |
प्रश्न 8. संकेतों को एनालॉग से डिजीटल और डिजीटल से एनालॉग में बदलने वाली युक्ति को क्या कहते हैं?
उतर : मॉडेम : एक ऐसी नेटवर्क डिवाइस है जो एनालोग सिग्नल और डिजिटल सिग्नल परस्पर बदलने का कार्य करती है, इस क्रिया को मॉड्यूलेशन और डिमॉड्यूलेशन कहा जाता है |
प्रश्न 9. एक बड़े कस्बे को कवर करने वाले नेटवर्क का नाम बताइए |
उतर : मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (MAN)
प्रश्न 10. कौनसी नेटवर्क टोपोलॉजी में नोट्स सोपनवत(श्रेणीबद्ध या hierarchical) क्रम में जुड़े होते है ?
उतर : ट्री टोपोलॉजी (Tree Topology)
Short Explanations Question Answer (संक्षिप्त व्याख्या प्रश्न उतर)
हमारे इस भाग में कक्षा 9 के पाठ 3 के प्रश्न जिसके हल और उतर 2 लाइन से लेकर 5-6 लाइन तक हों उन्हें रखा गया है जो कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान के इस अध्याय 3 को परीक्षा के अनुकूल तैयारी कर सकने के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है –
प्रश्न 1. विभिन्न बेतार(Wireless) संचार माध्यमों के नाम लिखिये |
उतर : इलेक्ट्रो मेग्नेटिक वेव(विद्युत चुम्बकीय तरंगो) और अन्य युक्तियों के आधार पर कई प्रकार के वायरलेस(बेतार) संचार माध्यम निम्न है –
1. सूक्ष्म तरंग प्रसारण (Micro Wave Transmission)
2. रेडियो तरंग (Radio Wave)
3. उपग्रह संचरण (Satellite Communication)
4. इन्फ्रारेड (Infrared)
5. वाई-फाई (Wi-Fi)
6. ब्लूटूथ (Bluetooth)
प्रश्न 2. क्रॉस-टॉक किसे कहते है ?
उतर : क्रॉस-टॉक नेटवर्क संचरण में आने वाली एक समस्या है जिसमें दो अलग अलग संचार चैनल अनजाने में एक- दुसरे को कुछ डाटा का आदान-प्रदान करने लगते हो- उदहारण के लिए टेलीफ़ोनया रेडियो में किसी अलग सी आवाज का सुनाई देना क्रॉस-टॉक कहलाता है |
प्रश्न 3. कोएक्शिअल केबल का उपयोग कहाँ किया जाता है ?
उतर : कोएक्शिअल केबल का उपयोग निम्न कार्यों में किया जाता है
1. कंप्यूटर से डिस्प्ले तक विडिओ सिग्नल भेजने के लिए
2. केबल टेलीविज़न और इन्टरनेट कनेक्शन के लिए
3. रेडियो ट्रांसमीटर और रिसीवर को एंटेना से जोड़ने के लिए
4. CCTV (क्लोज सर्किट टेलीविज़न ) को जोड़ने के लिए
आदि लोकल एरिया नेटवर्क में कोएक्शिअल केबल का उपयोग किया जाता है
प्रश्न 4. ब्लूटूथ के उपयोग बताइए ?
उतर : मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, और डेस्कटॉप जैसे डिवाइस को वायरलेस तरीके से माउस, कीबोर्ड, स्पीकर और हैडफ़ोन जैसे उपकरणों से जोड़ने के लिए ब्लूटूथ का इस्तेमाल किया जाता है |
इसके आलावा गेम कंट्रोलर , टेलीविज़न ,फ्रिज जैसे घरेलू उपकरणों में भी ब्लूटूथ का उपयोग किया जाता है |
प्रश्न 5. माइक्रो वेव टावर अधिक ऊंचाई पर क्यों लगाए जाते है ?
उतर : माइक्रो वेव तरंगें हमेशा सीधी रेखा में गमन करती है , अगर इनके रास्ते में कोई बाधा आ जाए तो वे इस बाधा को पार नहीं कर पाती इसलिए माइक्रो वेव टावर को अधिक ऊंचाई पर लगाया जाता है ताकि वे बाधाओं से मुक्त रह सके,और ऊंचाई अधिक होने से पृथ्वी की वक्रता का प्रभाव कम होता तथा सिग्नल अधिक दुरी तक भेजे जा सकते है |
प्रश्न 6. एनालॉग एवं डिजिटल संचार में अंतर बताइए।
उतर :
एनालॉग संचार | डिजिटल संचार |
एनालॉग संचार में एनालॉग सिग्नल का उपयोग किया जाता है | डिजिटल संचार में डिजिटल सिग्नल का उपयोग किया जाता है |
एनालॉग संकेत समय के सापेक्ष सतत (Continuous) रूप से परिवर्तित होते रहते है | डिजिटल संकेत समय के सापेक्ष असतत होते है |
एनालॉग संकेतों का मान दी गई रेंज में से कुछ भी हो सकता है | डिजिटल संकेतों का मान भी दी गई रेंज में से कुछ भी हो सकता है, पर संकेत केवल ऑन और ऑफ अवस्था में होते है |
उदाहरण : टेलीफ़ोन सिस्टम | उदाहरण : डिजिटल कंप्यूटर में डाटा संचरण |
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प्रश्न 7. LAN की दो विशेषताएँ लिखिए |
उतर : LAN(Local Area Network) की विशेषताएँ
1. LAN डाटा संचरण की गति तीव्रता 10 से 100 मेगाबाइट प्रति सेकंड होती है
2. LAN एक लचीला नेटवर्क है जिसमें बिना सारे नेटवर्क को बाधित किये और कंप्यूटर जोड़े जा सकते है अथवा हटाये जा सकते है |
प्रश्न 8. स्टार टोपोलॉजी (Star Topology) में नोड्स की विशेषताएं बताइए |
उतर : स्टार टोपोलॉजी (Star Topology) में नोड्स की विशेषताएं निम्न है –
1. इस टोपोलॉजी में सभी नोड एक केन्द्रीय कंप्यूटर से जुड़े होते है जिसे हब या होस्ट कहा जाता है
2. इस टोपोलॉजी में कोई भी दो नोड सीधे नहीं जुड़े होते |
3. नोड्स के मध्य होने वाले सभी संचार को नियंत्रित करता है |
4. किसी भी नोड के खराब होने से शेष नेटवर्क पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता |
प्रश्न 9. राउटर का कार्य व विशेषता लिखिए |
उतर : राउटर एक ऐसा उपकरण है जो कई डिवाइस को इन्टरनेट से जोड़ता है और इनके बीच डेटा ट्रैफिक को मैनेज करता है ,राउटर के कुछ कार्य और विशेषताएँ निम्न है –
1. राउटर, दो या ज्यादा नेटवर्क या सबनेटवर्क को जोड़ता है
2. यह इंटरनेट से जुड़े सेंट्रल वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) से इंटरनेट डेटा पैकेट को ट्रांसफ़र करता है
3. राउटर, कई डिवाइस को एक ही इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है
4. राउटर, आने वाले पैकेट के नेटवर्क पते का मूल्यांकन करता है और तय करता है कि पैकेट को किस इंटरफ़ेस पर भेजना है
5. राउटर, अपने नेटवर्क के लिए ट्रैफ़िक पुलिस की तरह काम करता है
6. राउटर, वायरलेस नेटवर्क के ज़रिए इंटरनेट एक्सेस प्रदान करता है
7. राउटर, आवासीय उपयोग के लिए मानक विद्युत आपूर्ति पर काम करता है
प्रश्न 10. स्विच व हब में क्या अंतर ?
उतर : स्विच व हब में निम्नलिखित अंतर है –
स्विच | हब |
यह OSI मॉडल की दूसरी लेयर डाटा लिंक लेयर पर होती है। | यह OSI मॉडल की पहली लेयर फिजिकल लेयर पर होता है |
यह मल्टीपल डिवाइस और पोर्ट को जोड़ने का कार्य करता है। | यह पर्सनल कम्प्यूटर को नेटवर्क के साथ जोड़ने का कार्य करता है |
इसमें डाटा इलेक्ट्रिक संकेतों और बिट के रूप में जाता है। | इनमें डाटा फ्रेम और पैकटों के रूप में जाता है |
यह एक निष्क्रिय उपकरण (Passive Device) है जो बिना किसी सॉफ्टवेयर के कार्य करता है। | यह एक सक्रिय उपकरण है जो सॉफ्टवेयर नेटवर्क डिवाइस से कार्य करता है |
यह हॉफ डुप्लैक्स (half duplex) होता है। | यह फुल डुप्लेक्स (Full Duplex) होता है |
यह sun system, oracle तथा cisco द्वारा तैयार किया जाता है। | यह Cisco तथा D-Link Juniper द्वारा तैयार किया गया है। |
Detailed Explanations Question Answer(विस्तृत व्याख्या प्रश्न उतर)
हमारे इस भाग में सभी प्रश्न जिसके हल और उतर 10 लाइन से लेकर 25 लाइन तक हों उन्हें रखा गया है जो कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान के इस अध्याय में वे प्रश्न जिनको पढने के बाद पूरा “कंप्यूटर संचार एवं नेटवर्क” पाठ का सिलेबस आपको याद हो जायेगा और आपकी परीक्षा इस प्रकार के प्रश्नों का काफी महत्व है –
प्रश्न 1. ऑप्टिक फाइबर केबल की संरचना और कार्य-प्रणाली समझाइये।
उतर : फाइबर ऑप्टिक केबल (Fiber Optic Cable) – यह तारों या केबलों में डेटा ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सबसे आधुनिक और नई तकनीकी है। फाइबर ऑप्टिक केबल में डेटा ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉनिक विद्युत संकेतों के बजाय प्रकाश तरंगों के माध्यम से होता है। इसमें काँच या प्लास्टिक से बने पतले तंतु (फाइबर) होते हैं, जिनके जरिए प्रकाश का प्रवाह होता है। वर्तमान में संचार माध्यमों में इसका व्यापक उपयोग हो रहा है।
इस तकनीक का मुख्य लाभ यह है कि इसके माध्यम से डेटा को बिना किसी संकेत को परिवर्तित किए काफी दूर तक भेजा जा सकता है। फाइबर ऑप्टिक केबल बहुत ही पतला होता है और इसका व्यास 2 से 125 माइक्रोमीटर तक हो सकता है। हालांकि, यह केबल काफी महंगी होती है। डेटा ट्रांसमिशन की दर 100 MBPS से लेकर 1 GBPS तक हो सकती है। इसमें विशेष प्रकाशीय तंतु होते हैं जो प्रकाशीय किरणों को पूरी तरह से परावर्तित करते हैं, जिससे केबल के एक सिरे से दूसरे सिरे तक सिग्नल की गुणवत्ता बनी रहती है। इन तंतुओं को चारों ओर से एक मजबूत जैकेट द्वारा सुरक्षित किया जाता है जो इसे मजबूती प्रदान करता है।
प्रश्न 2. उपग्रह संचार क्या है ? इसकी विशेषताएँ एवं उपयोग बताइए।
उतर :
उपग्रह संचार (Satellite Communication) – उपग्रह संचार में डेटा को संचारित करने के लिए उच्च आवृत्ति वाली सूक्ष्म तरंगों का उपयोग किया जाता है, जिनकी आवृत्ति 20 MHz से 40 MHz तक होती है। संचार उपग्रह को पृथ्वी से लगभग 36,000 किमी की ऊँचाई पर एक भू-स्थिर कक्षा (Geostationary Orbit) में स्थापित किया जाता है। ये उपग्रह पृथ्वी के चारों ओर उसकी घूर्णन गति के समान गति से घूमते हैं, जिससे ये पृथ्वी के सापेक्ष एक ही बिन्दु पर स्थित रहते हैं। इन्हें एक माइक्रोवेव रिले स्टेशन के रूप में भी जाना जाता है।
भूमध्य रेखा पर समान दूरी पर स्थित तीन संचार उपग्रह पूरे पृथ्वी पर संचार संकेतों का प्रसारण कर सकते हैं, जिससे संकेत प्राप्तकर्ता तक आसानी से पहुँच जाते हैं। मौसम संबंधी बाधाएँ भी उपग्रह संचार को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करतीं। संकेतों को भेजने और प्राप्त करने के लिए अलग-अलग आवृत्तियों का उपयोग किया जाता है, ताकि वे आपस में बाधा न पहुँचाएँ। उपग्रह संचार का मुख्य उपयोग अंतर्राष्ट्रीय संचार और टेलीविजन प्रसारण में होता है।
प्रश्न 3. कम्प्यूटर नेटवर्क के उद्देश्य व उपयोग लिखिए।
उतर :
कम्प्यूटर नेटवर्क के उद्देश्य –
1. साधनों का साझा उपयोग (Resource Sharing) – कम्प्यूटर नेटवर्क का प्रमुख उद्देश्य सभी साधनों का सामूहिक और प्रभावी प्रयोग करना होता है। यदि किसी कम्प्यूटर में आवश्यक डेटा या प्रोग्राम नहीं है, तो वह दूसरे कम्प्यूटर से नेटवर्क के माध्यम से उस प्रोग्राम का उपयोग कर सकता है।
2. संचार के माध्यम के रूप में (As a Communication Media) – नेटवर्क से जुड़े कम्प्यूटरों के माध्यम से उपयोगकर्ता आसानी से और तेज़ी से संचार कर सकते हैं। इसके द्वारा उपयोगकर्ता डेटा और सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं।
3. विश्वसनीयता और उपलब्धता (Reliability and Availability) – किसी हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर के खराब होने की स्थिति में नेटवर्क के जरिए दूसरे साधनों का उपयोग किया जा सकता है। महत्वपूर्ण डेटा को एक से अधिक कम्प्यूटर पर सुरक्षित रखा जा सकता है, जिसे अन्य कम्प्यूटर जरूरत पड़ने पर उपयोग कर सकते हैं।
4. लागत में कमी (Cost Reduction) – महंगे कम्प्यूटर साधन खरीदना हर किसी के लिए संभव नहीं होता। नेटवर्क की मदद से उपयोगकर्ता आवश्यकतानुसार महंगे साधनों का साझा उपयोग कर सकता है।
कम्प्यूटर नेटवर्क के उपयोग –
1. ऑनलाइन सेवाएँ (Online Services) – नेटवर्क से जुड़े कम्प्यूटरों द्वारा ऑनलाइन ट्रेडिंग, बैंकिंग, शॉपिंग, ई-कॉमर्स, ऑनलाइन शिक्षा और गेमिंग जैसी कई सेवाएँ दी जा रही हैं, जो लगातार लोकप्रिय हो रही हैं।
2. दूरस्थ डेटा तक पहुँच (Accessing Remote Database) – कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से उपयोगकर्ता किसी भी स्थान से विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ जैसे कला, विज्ञान, स्वास्थ्य, इतिहास आदि प्राप्त कर सकता है। यह सूचनाएँ अन्य उपयोगकर्ताओं को भी उपलब्ध कराई जा सकती हैं।3. फैक्स (Fax) – नेटवर्क से जुड़े दो कम्प्यूटर एक-दूसरे को फैक्स भेज और प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए दोनों कम्प्यूटरों पर फैक्स मशीन और संबंधित सॉफ़्टवेयर होना चाहिए।
4. इलेक्ट्रॉनिक मेल (E-mail) – ई-मेल की सहायता से उपयोगकर्ता तेज गति से संदेश भेज सकते हैं। यह वर्तमान समय में बहुत लोकप्रिय संचार सेवा है।
5. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) – विभिन्न वीडियो मैसेन्जर का उपयोग करके दूर स्थित किसी व्यक्ति या समूह के साथ संवाद किया जा सकता है। इसका उपयोग शिक्षा, कार्यालय मीटिंग, और सेमिनार में होता है।
प्रश्न 4. नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है ? विभिन्न टोपोलॉजी के नाम व विशेषताएँ बताइए।
उतर :
नेटवर्क टोपोलॉजी (Network Topology) – एक कम्प्यूटर नेटवर्क बनाने के लिए एक से अधिक कम्प्यूटर्स को एक-दूसरे से जोड़ने के विभिन्न तरीकों को नेटवर्क टोपोलॉजी कहते हैं। नेटवर्क बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रमुख टोपोलॉजी इस प्रकार हैं:
(a) बस टोपोलॉजी (Bus Topology) – इसे लीनियर बस भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें सभी कम्प्यूटर्स एक सीधी लाइन में एक केबल (बस) के माध्यम से जुड़े होते हैं। इस टोपोलॉजी में एक समय में एक ही कम्प्यूटर डेटा ट्रांसमिट कर सकता है। कम्प्यूटरों की संख्या बढ़ने पर डेटा ट्रांसमिशन की गति धीमी हो जाती है।
(b) रिंग टोपोलॉजी (Ring Topology) – रिंग टोपोलॉजी में सभी कम्प्यूटर्स एक केबल से जुड़े होते हैं, जिससे डेटा एक लूप में एक ही दिशा में घूमता है। डेटा हर कम्प्यूटर से होकर गुजरता है और केवल लक्षित कम्प्यूटर तक पहुँचता है। इस टोपोलॉजी में एक नोड खराब होने पर पूरे नेटवर्क पर असर पड़ता है।
(c) स्टार टोपोलॉजी (Star Topology) – इस टोपोलॉजी में सभी कम्प्यूटर्स एक केंद्रीय डिवाइस (हब) से जुड़े होते हैं। यदि एक कम्प्यूटर दूसरे कम्प्यूटर को डेटा भेजना चाहता है, तो वह हब के माध्यम से भेजा जाता है। इसमें किसी एक कम्प्यूटर के खराब होने पर पूरे नेटवर्क पर कोई असर नहीं पड़ता है।
(d) ट्री टोपोलॉजी (Tree Topology) – यह बस टोपोलॉजी का एक विस्तारित रूप है। इसमें नोड्स को एक हाइरार्किकल तरीके से जोड़ा जाता है, जहाँ सबसे ऊपर के नोड को रूट कम्प्यूटर कहा जाता है। अन्य नोड्स रूट कम्प्यूटर से अनुक्रमिक रूप से जुड़े होते हैं। रूट नोड के खराब होने पर पूरा नेटवर्क प्रभावित हो जाता है।
(e) जाल टोपोलॉजी (Mesh Topology) – इस टोपोलॉजी में नोड्स किसी विशेष संरचना में न होकर विभिन्न तरीकों से जुड़े हो सकते हैं। इसमें एक नोड अन्य सभी नोड्स से जुड़ा हो सकता है या अलग-अलग नोड्स से। यह टोपोलॉजी महंगी होती है, और इसमें नोड खराब होने पर उसे पहचानना मुश्किल हो सकता है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए।
उतर :
1. मॉडेम (MODEM): मॉडेम का पूरा नाम “मोडुलेटर-डेमोडुलेटर” है। यह एक ऐसा डिवाइस है जो डिजिटल सिग्नल (जैसे कंप्यूटर से) को एनालॉग सिग्नल (जैसे टेलीफोन लाइन पर) में बदलता है और इसके विपरीत भी करता है। मॉडेम का उपयोग इंटरनेट कनेक्शन के लिए किया जाता है। यह डेटा को ट्रांसमिट और रिसीव करने में मदद करता है। मॉडेम मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं: इंटरनल मॉडेम (जो कंप्यूटर के अंदर फिट होता है) और एक्सटर्नल मॉडेम (जो बाहरी रूप से जुड़ता है)।
2. वैन (WAN): वैन का पूरा नाम “वाइड एरिया नेटवर्क” है। यह एक ऐसा नेटवर्क है जो बड़ी भौगोलिक सीमाओं, जैसे शहरों, देशों, या यहां तक कि पूरे विश्व को कवर करता है। वैन का उपयोग डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक तेज़ी से और सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है। इंटरनेट वैन का सबसे बड़ा उदाहरण है। वैन में कई लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) और मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क (MAN) जुड़े होते हैं, जो इसे और अधिक व्यापक बनाते हैं।
3. गेटवे (Gateway): गेटवे एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो दो अलग-अलग नेटवर्कों को आपस में जोड़ने का काम करता है। यह विभिन्न प्रोटोकॉल, फॉर्मेट और आर्किटेक्चर वाले नेटवर्क के बीच डेटा के आदान-प्रदान को संभव बनाता है। गेटवे को “नेटवर्क ब्रिज” भी कहा जा सकता है, क्योंकि यह एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में डेटा ट्रांसलेशन और रूटिंग करता है। उदाहरण के लिए, गेटवे का उपयोग LAN और इंटरनेट को कनेक्ट करने के लिए किया जा सकता है।
4. ब्रिज (Bridge): ब्रिज एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो दो या अधिक लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) को आपस में जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका मुख्य कार्य डेटा पैकेट को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क तक पहुंचाना है, लेकिन यह केवल उन्हीं डेटा पैकेट्स को पास करता है जो गंतव्य नेटवर्क के लिए आवश्यक होते हैं। इससे नेटवर्क ट्रैफिक कम होता है और नेटवर्क की परफॉर्मेंस बढ़ती है। ब्रिज का उपयोग समान प्रकार के नेटवर्क सेगमेंट को कनेक्ट करने में किया जाता है। उदाहरण के लिए, दो इथरनेट नेटवर्क को जोड़ने के लिए ब्रिज का उपयोग किया जा सकता है।
5.वाई-फाई (WI-FI): वाई-फाई एक वायरलेस नेटवर्किंग तकनीक है जो रेडियो तरंगों के माध्यम से डिवाइसों को इंटरनेट और नेटवर्क से कनेक्ट करने की सुविधा प्रदान करती है। इसका पूरा नाम “Wireless Fidelity” है। वाई-फाई राउटर के जरिए इंटरनेट सिग्नल को वायरलेस तरीके से डिवाइस, जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, या स्मार्ट टीवी तक पहुंचाया जाता है। यह तकनीक बिना तारों के नेटवर्क एक्सेस प्रदान करती है, जिससे उपयोगकर्ता कहीं भी आसानी से कनेक्ट रह सकते हैं। वाई-फाई का उपयोग घर, ऑफिस, और पब्लिक प्लेस जैसे एयरपोर्ट या कैफे में किया जाता है।