नमस्ते छात्रों! क्या आप कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान की तैयारी कर रहे हैं और ‘इनपुट / आउटपुट तथा संग्रहण युक्तियाँ’ अध्याय से जुड़े प्रश्नों के जवाब और हल खोज रहे हैं? अगर हाँ, तो आप सही जगह पर हैं! इस ब्लॉग में हम आपको इस Chapter के महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देंगे, ताकि आप इस विषय को अच्छी तरह से समझ सकें !
Introduction to the Topic (परिचय)
Input / Output and Storage Devices’ अध्याय कक्षा 9 के कंप्यूटर विज्ञान के पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसमें हम सीखेंगे कि-
- संग्रहण युक्तियाँ (स्टोरेज डिवाइस) : फ्लॉपी डिस्क, हार्डडिस्क ,CD रोम , DVD,पेन ड्राइव, जिप ड्राइव,ब्लू-रे-डिस्क आदि
- इनपुट युक्तियाँ (इनपुट डिवाइस) : की-बोर्ड, माउस , ट्रेक बॉल, जॉय स्टिक, स्कैनर ,वेब कैमरा, डिजिटल कैमरा ,लाइट पेन ,Digitizer,माइक्रो फोन आदि
- आउटपुट युक्तियाँ (Output Devices) : सॉफ्ट कॉपी, मॉनिटर , प्रिंटर, स्पीकर, प्रोजेक्टर
सभी सवाल और शंकाओं का समाधान इस पोस्ट में, हम इस अध्याय से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों के हल देंगे, ताकि आपकी परीक्षा की तैयारी और भी बेहतर हो सके।
Important facts related to chapter(पाठ से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु):
यहाँ कुछ जानकारी जो कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से इस अध्याय से सम्बंधित त्वरित जानकारी देने के लिए साझा की जा रही है तो अध्याय को सरलता से याद करने समझने में सहायता करेंगा –
- इनपुट युक्तियों (Input Devices) की सहायता से उपयोगकर्ता (User) द्वारा कम्प्यूटर में
आंकडे़, सूचनाएं तथा निर्देश डाले जाते हैं। - की-बोर्ड एक सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला महत्वपूर्ण इनपुट उपकरण है। यह टाइप राइटर का
संशोधित रूप है। - कम्प्यूटर के संचालन के लिए प्रयुक्त होने वाले महत्वपूर्ण उपकरणों में से माउस भी एक है।
माउस का आकार चूहे जैसा होने के कारण इसे माउस कहा जाता है। - माउस के संचालन को मॉनीटर की स्क्रीन पर दर्शाने के लिए एक तीरनुमा चिह्न स्क्रीन पर
होता है जिसे माउस पॉइन्टर कहते हैं। - जॉय स्टिक स्क्रीन पर चित्रों को हिलाने व चलाने आदि का कार्य करता है। इसका उपयोग
मुख्यतः कम्प्यूटर गेम्स खेलने में किया जाता है। - लाइट पैन स्क्रीन पर सीधे लिखने का कार्य करता है। इसका उपयोग ग्राफिक्स आदि बनाने
के कार्यों में किया जाता है। - आउटपुट युक्तियां (Output Devices) वे साधन हैं जिनकी सहायता से कम्प्यूटर उपयोगकर्ता
(User) से प्राप्त आँकड़ों, सूचनाओं, निर्देशों आदि के परिणाम प्रक्रिया के पश्चात उपयोगकर्ता
को प्रस्तुत करता है। - मॉनीटर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं- 1. सी.आर.टी. मॉनीटर
2. एफ.पी.डी. मॉनीटर - प्रिन्टर्स को सामान्यतः दो प्रकारों में बांटा जाता है- 1. इम्पैक्ट प्रिन्टर 2. नॉन-इम्पैक्ट प्रिन्टर
- इम्पैक्ट प्रिन्टर के मुख्य उदाहरण हैं- 1. डॉट मैट्रिक्स प्रिन्टर 2. डेजी व्हील प्रिन्टर 3. चैन प्रिन्टर
4. बैण्ड प्रिन्टर 5. ड्रम प्रिन्टर - नॉन-इम्पैक्ट प्रिन्टर के मुख्य उदाहरण हैं- 1. तापीय प्रिन्टर 2. इंक जैट प्रिन्टर 3. लेजर
प्रिन्टर - डाटा, सूचना, प्रोग्राम आदि को तात्कालिक एवं भविष्य में उपयोग हेतु संग्रहित करके रखा
जाता है। - मैमोरी प्राथमिक संग्रहण युक्ति है।
- चुम्बकीय टेप, चुम्बकीय डिस्क, हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, सी.डी. रोम द्वितीयक संग्रहण
युक्तियां हैं।
Solutions to Important Questions (प्रमुख प्रश्नों के हल)
दोस्तों यहाँ दिए जा रहे अधिकतर प्रश्न “कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान” राजस्थान बोर्ड की अधिकारिक पाठ्यपुस्तक के अध्याय 2 (इनपुट / आउटपुट तथा संग्रहण युक्तियाँ) से लिए गयें है जिसका सरल और आसानी से याद और समझे जा सकने वाले हल और उत्तर आपको हमारे इस ब्लॉग में मिलने वाला है तो बिना रुके देखते है हमारे हर एक सवाल को –
इस पुस्तक में बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) दिए गये थे जिन्हें आप यहाँ से पढ़ सकतें है – MCQ
One-Liner Questions (Short Answers अतिलघूत्तरात्मक):
हमारे इस भाग में सभी प्रश्न जिसके हल और उत्तर एक शब्द से लेकर एक-दो लाइन तक हों उन्हें रखा गया है जो कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान के इस अध्याय “इनपुट / आउटपुट तथा संग्रहण युक्तियाँ” को आसानी से समझने में सहायता करेगा –
प्रश्न 1. डाटा को डिस्क पर पढ़ने व लिखने का कार्य किसके द्वारा होता है?
उतर : कम्प्यूटर में प्रयोग होने वाली हार्ड डिस्क में डाटा एक्सेस आर्म से जुड़े रीड राइट हैड द्वारा लिखा और वहीं से पढ़ा जाता है, हार्डडिस्क में उपस्थित प्लेटर(धातु की चकती) के ट्रैक और सेक्टर ही डाटा को संग्रहित करते है |
प्रश्न 2. मॉनीटर के स्क्रीन के छोटे-छोटे बिन्दुओं को क्या कहते हैं?
उतर : मॉनिटर स्क्रीन में दिखाई देने वाले छोटे-छोटे बिदुओं को पिक्सेल कहते है , जिस मॉनिटर में पिक्सेल की संख्या ज्यादा होती है उसकी क्वॉलटि (Quality) उतनी है अच्छी होती है
प्रश्न 3. डॉट मैट्रिक्स प्रिन्टर किस प्रकार के प्रिन्टर का उदाहरण है ?
उतर :डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर इम्पेक्ट प्रिंटर का प्रकार है जिसमें एक हैमर द्वार छोटे-छोटे डॉट मिलकर एक केरेक्टर का निर्माण करते है
प्रश्न 4. फ्लॉपी डिस्क और उसके आवरण में स्थित छिद्र को क्या कहते हैं?
उतर :
फ्लॉपी डिस्क मायलर प्लास्टिक ;डलसंत च्सेंजपबद्ध से निर्मित एक वृताकार चकती होती है, जिसकी सतह पर आयरन ऑक्साइड (चुम्बकीय पदार्थ) का लेपन होता है | तथा इसके आवरण में स्थित छिद्र को इंडेक्स होल कहते है !
प्रश्न 5. माइक्रो फ्लॉपी का व्यास कितना होता है?
उतर : माइक्रो फ़्लॉपी का व्यास 3.5 इंच यानि 90 मिलीमीटर होता है
प्रश्न 6. मैमोरी कितने प्रकार की होती है?
उतर : मैमोरी 2 प्रकार की होती है 1. प्राथमिक मैमोरी , 2. द्वितीयक मैमोरी
प्रश्न 7. मॉनीटर क्या कार्य करता है?
उतर : मॉनीटर यूजर को कंप्यूटर के साथ इंटरेक्ट या संवाद करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण आउटपुट डिवाइस है , दुसरे शब्दों में मॉनिटर हमें कंप्यूटर में होने वाले कामों को दिखता है
प्रश्न 8. दो इनपुट और दो आउटपुट युक्तियों के नाम बताइये?
उतर : इनपुट – कीबोर्ड और माउस | आउटपुट – मॉनिटर और प्रिंटर
प्रश्न 9. लेसर प्रिंटर किस प्रणाली पर कार्य करता है?
उतर : लेसर प्रिंटर में लेसर बिम्ब का प्रयोग किया जाता है जो अक्षर छापने के लिए कागज पर डाला जाता है जिसे बाद टोनर डाली गई बिम्ब वाली जगह चिपक जाता है
प्रश्न 10. प्रोजेक्टर किस काम आता है?
उतर : प्रोजेक्टर का मुख्य उपयोग कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाए जाने वाले चित्र या मल्टीमीडिया को पड़े पर्दे पर दिखाने के लिए होता है|
Short Explanations Question Answer(संक्षिप्त व्याख्या प्रश्न उतर)
हमारे इस भाग में सभी प्रश्न जिसके हल और उतर 2 लाइन से लेकर 5-6 लाइन तक हों उन्हें रखा गया है जो कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान के इस अध्याय को परीक्षा के अनुकूल तैयारी कर सकने के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है –
प्रश्न 1. सॉफ्ट कॉपी और हार्ड कॉपी में अन्तर बताइए ?
उतर :
सॉफ्ट कॉपी : जब कंप्यूटर में किसी प्रकार का परिणाम जारी किया जाता है तथा उसे केवल कंप्यूटर स्क्रीन पर , या आवाज के रूप में प्राप्त किया जाये उसे परिणाम या सुचना की सॉफ्ट कॉपी कहते है|
हार्ड कॉपी : जब कंप्यूटर द्वारा दिया दिया परिणाम भौतिक रूप से प्राप्त किया जाये उसे हार्ड कॉपी कहते है , उदाहरण : कागज पर प्रिंट निकालना
प्रश्न 2. लेजर प्रिन्टर किस तकनीक पर कार्य करता है?
उतर : लेजर प्रिंटर , लेजर बीम और इलेक्ट्रो ग्राफ़िक का प्रयोग करते हुए कार्य करता है , जो एक प्रकार की नॉन इम्पेक्ट प्रिंट तकनीक होती है, जिसमें कागज छपाई के लिए पर हैमर नहीं टकराता | बल्कि प्रिंटिंग ड्रम को आवेशित किया जाता है और कागज पर स्याही हो छोड़ा जाता है
प्रश्न 3. इम्पैक्ट प्रिन्टर व नॉन-इम्पैक्ट प्रिन्टर में अन्तर बताइए |
उतर : इम्पैक्ट प्रिन्टर– में प्रिंट करने के लिए स्याही लगे हुए रिबन पर हथोड़े , पिन या प्रिंटिंग पहिये का उपयोग किया जाता है जो कागज पर निशान छोड़ता है, इनके प्रिंट की गुणवता कम होती है तथा एक ही प्रकार के रंग के अक्षर छाप सकता है
नॉन-इम्पैक्ट- में स्याही को स्प्रे, लेजर , थर्मल (गर्म करके) या दबाव से पेज पर प्रिंट किया जाता है , इस प्रिंट की गुणवत्ता ज्यादा होती है तथा इसमें एक से अधिक रंग उपयोग में लाये जा सकते है |
प्रश्न 4. माउस का उपयोग किन-किन कार्यों में होता है ?
उतर : माउस का उपयोग कंप्यूटर के बहुत से कामों में किया जाता है-
कंप्यूटर स्क्रीन पर कर्सर को घुमाने, किसी ऑब्जेक्ट को चुनने, किसी बटन पर क्लिक करने, वेब पेज को स्क्रॉल करने, किसी टेक्स्ट या लाइन को सेलेक्ट करने , ड्रेगिंग और ड्रोपिंग करने , और कंप्यूटर पर गेम खेलने जैसे काम माउस की सहायता से किये जाते है|
प्रश्न 5. जॉय स्टिक और लाइट पैन के कार्य लिखिए।
उतर : जॉय स्टिक और लाइट पैन कंप्यूटर के इनपुट उपकरण है जो अलग अलग कार्यों में उपयोग किये जाते है
जॉय स्टिक के कार्य : इस डिवाइस का इस्तेमाल मुख्य रूप से कंप्यूटर विडियो गेम खलने में किया जाता है, जिसमें हमारे हाथ की बनावट के अनुसार बहुत सारे बटन कई प्रकार के कार्य करने लिए दिए गये होते है
लाइट पैन के कार्य : लाइट पेन किसी सामान्य पेन जैसा दिखने वाला इनपुट उपकरण है , जो कंप्यूटर स्क्रीन को माउस की तरह नियंत्रित करता है, जो अधिकतर डिजिटल चित्र बनाने और लिखने के काम आता है |
प्रश्न 6. प्लॉटर कितने प्रकार के होते है? नाम बताइए।
उतर : प्लॉटर प्रिंटर का एक प्रकार है जो बड़े आकर के चार्ट , नक्से, इलेक्ट्रोनिक सर्किट और आजकल प्रचलित फ्लेक्स आदि को प्रिंट करने में उपयोग किये जाते है
प्लॉटर के प्रकार : प्लॉटर दो प्रकार के होते है
1. ड्रम पेन प्लॉटर
2. फ्लेट बैड प्लॉटर
Detailed Explanations Question Answer(विस्तृत व्याख्या प्रश्न उतर)
हमारे इस भाग में सभी प्रश्न जिसके हल और उतर 10 लाइन से लेकर 25 लाइन तक हों उन्हें रखा गया है जो कक्षा 9 कंप्यूटर विज्ञान के इस अध्याय में वे प्रश्न जिनको पढने के बाद पूरा “इनपुट / आउटपुट तथा संग्रहण युक्तियाँ ” पाठ का सिलेबस आपको याद हो जायेगा और आपकी परीक्षा इस प्रकार के प्रश्नों का काफी महत्व है –
प्रश्न 1. डॉट मैट्रिक्स प्रिन्टर की कार्य विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उतर : डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक इंपैक्ट प्रिंटर है जो टेक्स्ट और इमेज प्रिंट करने के लिए डॉट्स का उपयोग करता है। इसका मुख्य कार्य तंत्र मैकेनिकल और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरीके पर आधारित होता है। प्रिंटर में एक प्रिंट हेड होता है जिसमें कई छोटे-छोटे पिन या नीडल्स लगे होते हैं। ये पिन सटीक तरीके से कागज और स्याही-लेपित रिबन के संपर्क में आते हैं, जिससे डॉट्स के रूप में अक्षर और ग्राफिक्स प्रिंट होते हैं।

प्रिंट हेड, कंप्यूटर द्वारा भेजे गए डेटा के अनुसार संचालित होता है। प्रिंटिंग के दौरान यह हेड कागज के ऊपर बाईं से दाईं ओर और फिर दाईं से बाईं ओर गति करता है। जब प्रिंट हेड के पिन रिबन पर प्रहार करते हैं, तो रिबन की स्याही कागज पर ट्रांसफर हो जाती है। इस प्रक्रिया में स्याही छोटे-छोटे डॉट्स के रूप में कागज पर जमती है, जो अंततः एक अक्षर या चित्र बनाते हैं।
इस प्रिंटर में रिबन का उपयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रिबन पर लगी स्याही को पिन के दबाव के माध्यम से कागज पर स्थानांतरित किया जाता है। इसके साथ ही कागज को वर्टिकल दिशा में थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़ाया जाता है, जिससे अगले अक्षर या लाइन की प्रिंटिंग हो सके। इस प्रिंटिंग तकनीक में पिन की संख्या जितनी अधिक होगी, प्रिंट की गुणवत्ता उतनी ही बेहतर होगी।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर मुख्यतः बहुपर्तीय (मल्टीपार्ट) प्रिंटिंग में उपयोग किया जाता है। यह एक बार में कई कॉपियों को प्रिंट करने में सक्षम होता है। हालांकि, इसकी प्रिंटिंग गति सीमित होती है और इसे कैरेक्टर प्रति सेकंड (CPS) में मापा जाता है। इन प्रिंटरों का उपयोग ज्यादातर ऑफिस, बैंक, और व्यापारिक संस्थानों में किया जाता है, जहां बिल, चालान और रिपोर्ट्स जैसी सामग्री प्रिंट करनी होती है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की प्रमुख विशेषताएं इसे टिकाऊ और सस्ता बनाती हैं। यह अन्य प्रिंटरों की तुलना में लंबे समय तक चलता है और कम लागत में निरंतर प्रिंटिंग प्रदान करता है। हालांकि, इसका शोर और धीमी गति कुछ कमियां हैं। लेकिन बहुपर्तीय प्रिंटिंग और कम मेंटेनेंस लागत के कारण यह आज भी कई स्थानों पर लोकप्रिय है।
प्रश्न 2. मॉनीटर कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक का चित्र सहित वर्णन कीजिए।
उतर :

कंप्यूटर मॉनिटर दो प्रकार के होते है –
CRT मॉनीटर : CRT (Cathode Ray Tube) मॉनीटर पुराने समय में सबसे अधिक उपयोग किए जाते थे। इनका आकार पीछे की ओर से बहुत बड़ा और भारी होता था, जिससे इन्हें जगह ज्यादा घेरनी पड़ती थी। CRT मॉनीटर में इलेक्ट्रॉन गन लगी होती है, जो इलेक्ट्रॉनों की किरणें छोड़ती है। ये किरणें स्क्रीन पर लगी फॉस्फर कोटिंग से टकराकर प्रकाश उत्पन्न करती हैं और चित्र दिखाई देता है। इनकी पिक्चर क्वालिटी और रिज़ॉल्यूशन सामान्य स्तर का होता है तथा ये अधिक बिजली खर्च करते हैं। इसके साथ ही इनमें से हल्की रेडिएशन भी निकलती है जो आंखों पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। आजकल तकनीक के विकास के कारण इनका उपयोग लगभग समाप्त हो चुका है।
FPD मॉनीटर : FPD (Flat Panel Display) मॉनीटर आधुनिक और उन्नत तकनीक पर आधारित होते हैं। इनका आकार पतला, हल्का और आकर्षक होता है। ये बहुत कम बिजली खर्च करते हैं और इनमें से कोई हानिकारक विकिरण नहीं निकलता। FPD मॉनीटर की पिक्चर क्वालिटी, रंग और रेज़ॉल्यूशन बहुत उत्तम होता है, जिसके कारण लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर भी आंखों पर कम असर पड़ता है। इन मॉनीटरों में कई प्रकार आते हैं जैसे – LCD (Liquid Crystal Display), LED (Light Emitting Diode), Plasma Display और OLED (Organic LED)। आजकल इन्हीं का प्रयोग डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप और LED टीवी में किया जा रहा है।
प्रश्न 3. हार्ड डिस्क की संरचना व कार्य प्रणाली सचित्र समझाइए।
उतर :

हार्ड डिस्क की संरचना (Structure of Hard Disk)
हार्ड डिस्क कंप्यूटर की स्थायी मेमोरी (Secondary Storage) है, जिसमें सभी डाटा और प्रोग्राम लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं। इसकी संरचना निम्न प्रकार होती है :
- प्लैटर (Platter) – हार्ड डिस्क के अंदर कई गोल प्लेटें होती हैं जिन्हें प्लैटर कहते हैं। इन पर डाटा चुंबकीय रूप (Magnetic form) में संग्रहित होता है।
- स्पिंडल (Spindle) – सभी प्लैटर एक धुरी (Spindle) पर लगे रहते हैं जो उन्हें तेज गति से घुमाता है।
- रीड/राइट हेड (Read/Write Head) – प्रत्येक प्लैटर की सतह पर एक हेड होता है जो डाटा को पढ़ने और लिखने का कार्य करता है।
- एक्चुएटर आर्म (Actuator Arm) – यह हेड को प्लैटर पर सही स्थान तक ले जाने का काम करता है।
- ट्रैक और सेक्टर (Track & Sector) – प्लैटर को गोलाकार ट्रैक और छोटे-छोटे सेक्टर में विभाजित किया जाता है। इन्हीं में डाटा संग्रहित होता है।
हार्ड डिस्क की कार्यप्रणाली (Working of Hard Disk)

जब कंप्यूटर में डाटा सेव किया जाता है तो वह चुंबकीय रूप में प्लैटर की सतह पर संग्रहित होता है। स्पिंडल लगातार प्लैटर को उच्च गति (5400 RPM से 7200 RPM या अधिक) से घुमाता रहता है। रीड/राइट हेड चुंबकीय सतह पर आवश्यक स्थान तक पहुँचकर डाटा लिखता (Write) या पढ़ता (Read) है।
- Write Process : जब डाटा सेव किया जाता है, तो राइट हेड चुंबकीय सतह पर सूक्ष्म स्तर पर ध्रुवीयता बदलकर सूचना संग्रहीत करता है।
- Read Process : जब डाटा पढ़ा जाता है, तो वही हेड चुंबकीय सतह से ध्रुवीयता को महसूस कर उसे डिजिटल डाटा (0 और 1) में बदल देता है।
इस प्रकार हार्ड डिस्क डाटा को स्थायी रूप से संग्रहित और पुनः उपयोग के लिए उपलब्ध कराती है।
प्रश्न 4. सी.डी.रोम क्या है? इसकी कार्य प्रणाली तथा इसके उपयोग लिखिए।
उतर :

सी.डी.-रोम क्या है?
सी.डी.-रोम (CD-ROM – Compact Disc Read Only Memory) एक प्रकार की ऑप्टिकल स्टोरेज डिवाइस है। इसमें लगभग 650 MB से 700 MB तक डाटा संग्रहित किया जा सकता है। इसमें डाटा केवल पढ़ा जा सकता है, लेकिन बदला या मिटाया नहीं जा सकता।
सी.डी.-रोम की कार्यप्रणाली

सी.डी.-रोम डिस्क को सी.डी. ड्राइव में लगाया जाता है। ड्राइव में एक लेज़र बीम होती है, जो डिस्क पर बनी पिट्स (Pits) और लैंड्स (Lands) को पढ़ती है।
- Pits – ये छोटे-छोटे गड्ढे होते हैं जो डाटा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- Lands – ये समतल भाग होते हैं।
लेज़र किरण जब डिस्क पर पड़ती है, तो Pits और Lands से परावर्तन अलग-अलग होता है। इसी अंतर को 0 और 1 (Binary Data) में बदलकर कंप्यूटर तक भेजा जाता है। इस प्रकार डाटा पढ़ा जाता है।
सी.डी.-रोम के उपयोग
- सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम इंस्टॉल करने में
- म्यूज़िक, मूवी और वीडियो चलाने में
- शैक्षिक सामग्री व ई-बुक्स स्टोर करने में
- गेम्स और मल्टीमीडिया एप्लिकेशन उपलब्ध कराने में
- बैकअप और डाटा वितरण में
प्रश्न 5. प्रिन्टर्स के प्रकार व उनकी कार्य प्रणाली बताइये।
उतर :
प्रिन्टर क्या है?
प्रिन्टर एक आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर में संग्रहीत डाटा को कागज़ पर छापकर प्रस्तुत करता है। इसे हार्ड कॉपी आउटपुट डिवाइस भी कहते हैं।

प्रिन्टर्स के मुख्य प्रकार एवं उनकी कार्यप्रणाली
1. डॉट मैट्रिक्स प्रिन्टर (Dot Matrix Printer)
- इसमें प्रिंट हेड पर छोटे-छोटे पिन लगे होते हैं।
- पिन स्याही लगी रिबन पर प्रहार करते हैं और अक्षर/चित्र कागज़ पर छप जाते हैं।
- यह इम्पैक्ट प्रिन्टर है और ज्यादा शोर करता है।
- प्रयोग : बिल, रसीदें, मल्टी-कार्बन कॉपी।
2. इंकजेट प्रिन्टर (Inkjet Printer)
- इसमें नोज़ल से तरल स्याही (Liquid Ink) छोटे-छोटे बूदों के रूप में कागज़ पर छिड़की जाती है।
- प्रिंट गुणवत्ता बहुत उच्च (High Resolution) होती है।
- यह कम शोर करता है और रंगीन प्रिंट भी दे सकता है।
- प्रयोग : घर और छोटे ऑफिसों में।
3. लेज़र प्रिन्टर (Laser Printer)
- इसमें लेज़र बीम का प्रयोग कर एक ड्रम पर इमेज बनाई जाती है।
- ड्रम पर टोनर पाउडर चिपकाया जाता है और फिर गर्मी व दबाव से कागज़ पर स्थायी छाप बनती है।
- यह तेज़, उच्च गुणवत्ता और साइलेंट प्रिन्टर है।
- प्रयोग : बड़े ऑफिस, संस्थान और प्रोफेशनल कार्य।
4. थर्मल प्रिन्टर (Thermal Printer)
- इसमें हीट (Heat) का प्रयोग कर कागज़ पर अक्षर/चित्र बनाए जाते हैं।
- यह बिना स्याही और रिबन के काम करता है।
- प्रयोग : एटीएम, POS मशीन, टिकट प्रिंटिंग।
👉 संक्षेप में –
- डॉट मैट्रिक्स – इम्पैक्ट, धीमा, बिल/रसीद
- इंकजेट – स्याही आधारित, उच्च गुणवत्ता
- लेज़र – तेज़ और प्रोफेशनल
- थर्मल – गर्मी आधारित, रसीद और टिकट









