कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है, जिसका उद्देश्य ऐसी मशीनों और सॉफ़्टवेयर को विकसित करना है जो वे कार्य कर सकें जिन्हें आमतौर पर मानव बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होती है। ये कार्य समस्या समाधान, सीखना, तर्क करना, निर्णय लेना, प्राकृतिक भाषा को समझना, और यहां तक कि दुनिया को देखना और सुनना जैसे कार्य शामिल हैं। AI का उद्देश्य स्वास्थ्य, वित्त, शिक्षा, मनोरंजन और परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव लाना है, जहां यह जटिल कार्यों को स्वचालित कर सकता है, बड़े डेटा का विश्लेषण कर सकता है और ऐसे समाधान प्रदान कर सकता है जो पहले असंभव माने जाते थे।
AI का मूल उद्देश्य मशीनों को “स्मार्ट” बनाना है। इसके लिए एल्गोरिदम और मॉडल का उपयोग किया जाता है ताकि वे पैटर्न पहचान सकें, संदर्भ को समझ सकें और डेटा के आधार पर निर्णय ले सकें। एक सामान्य तरीका मशीन लर्निंग है, जहां सिस्टम बिना विशेष रूप से प्रोग्राम किए डेटा से सीखते हैं। डीप लर्निंग, जो मशीन लर्निंग का एक उपसमूह है, न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करता है ताकि यह मानव मस्तिष्क की तरह जानकारी प्रोसेस कर सके, जिससे इमेज रिकग्निशन और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण जैसी अधिक उन्नत क्षमताएँ विकसित होती हैं।
AI प्रणालियाँ दो श्रेणियों में बाँटी जा सकती हैं: संकीर्ण AI (Narrow AI), जिसे विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है (जैसे शतरंज खेलना या मूवी की सिफारिश करना), और सामान्य AI (General AI), जिसका उद्देश्य किसी भी बौद्धिक कार्य को करना है जो मानव कर सकता है। जबकि संकीर्ण AI ने महत्वपूर्ण प्रगति की है, सामान्य AI एक दीर्घकालिक लक्ष्य है।
हाल के वर्षों में, AI हमारे रोजमर्रा के जीवन में प्रवेश कर चुका है, जैसे कि वर्चुअल असिस्टेंट्स (जैसे Siri और Alexa), स्वचालित कारें, स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर व्यक्तिगत सिफारिशें, और उन्नत चिकित्सा निदान उपकरण। जैसे-जैसे AI का विकास हो रहा है, यह स्मार्ट तकनीकों को बनाने और विभिन्न क्षेत्रों में मानव क्षमताओं को बढ़ाने का वादा करता है। हालांकि, यह गोपनीयता, नौकरी छिनने और AI प्रणालियों में भेदभाव जैसे नैतिक और सामाजिक सवालों को भी उठाता है, इसलिए AI को जिम्मेदारी से और पारदर्शिता के साथ विकसित करना आवश्यक है।